‘बचपन मे जब दीपक को बोलिंग करते देखता तो मुझे अपने दिन याद आते थे, पहले तो मुझे लगा कि दीपक शौकिया तौर पर ये सब कर रहा है, लेकिन कुछ ही सालों में समझ आ गया कि दीपक की रुचि क्रिकेट में है और जो काम मैं नहीं कर पाया वो दीपक ज़रूर करेगा’ ये कहना है उभरते हुए क्रिकेटर दीपक चाहर ( Cricketer Deepak Chahar ) के पिता लोकेंद्र चाहर का, उन्होंने दीपक में जब अपना बीता हुआ कल देखा तो खुद के भविष्य की भी चिंता छोड़ दी।
‘अब मैं बच्चों से पूछ कर शेड्यूल बनाता हूं ‘
दीपक के पिता ने बताया कि अब बहुत कुछ बदल गया है। पहले मैं उनका शेड्यूल तय करता था, अब वह खुद तय करते हैं। घर आने पर भी प्रैक्टिस दोनों की जारी रहती है। मैं खुद दोनों को देखता रहता हूं। ये अलग बात है उनसे पूछ कर कि उन्हें कब रेस्ट चाहिए उन्हें प्रक्टिस करवाता हूँ।
‘पूरे परिवार ने हमारी मदद की’
लोकेंद्र चाहर ने कहा कुछ बड़ा करने के लिए संघर्ष करना ही होता है। ऐसा नहीं है कि मुझे पैसों की कमी नहीं सामने आई, लेकिन मेरे और बच्चों के सपनों को पूरा करने के लिए मेरी फैमिली ने मुझे बहुत सपोर्ट किया। हम चार भाई हैं हमारे अंकल हैं। सबने समय-समय पर मदद की है।
पिछले मैच में भी दीपक ने अच्छी गेंदबाजी की
उन्होंने बताया मैं किसी भी खिलाड़ी के खेल को टेक्निकली देखता हूं। पिछले मैच में भी दीपक ने अच्छी गेंदबाजी की थी। बाकी जो रिकॉर्ड बनते हैं वह तो भगवान ही करवाता है। खिलाड़ी के हाथ में तो बस अपना अच्छा देना होता है। रिकॉर्ड तो ऊपर से आते हैं कि किसके नाम जायेंगे।
‘हम लोग नहीं जानते थे कि रिकॉर्ड बनेगा’
दीपक के चाचा राहुल चाहर ने बताया कि दीपक जब खेल रहा था तो हम लोग कि उम्मीद थी कि वह 1 या 2 विकेट ले लेगा, लेकिन उसने रिकॉर्ड बना दिया। यह कभी-कभी होता है। हम लोगों को भी बहुत ख़ुशी हुई। पूरा परिवार उसके प्रदर्शन से खुश है।