अभी के समय में ज़मीन से बड़ा व्यापार कुछ भी नहीं, अगर इस लॉकडाउन की बात की जाए तो इस दौरान दो ही व्यापार सबसे ऊपर रहा पहला दवाखाना दूसरा ज़मीन की ख़रीद बिक्री। इस लिहाज़ से सभी के लिए यह मौक़ा बेहद की सुनहरा साबित हो सकता है। इस व्यापार में घाटे की कोई गुंजाइश ही नहि बल्कि मुनाफ़ा सत प्रतिशत है। अगर आपकी भी ज़मीन एनएच के किनारे है तो आपको बता दें की सरकार पूरे देश में फैले नैशनल हाइवे के किनारे माइक्रो मार्केट के लिए ज़मीन ख़रीद रही है, और इसकी क़ीमतों में भारी बढ़ोतरी होने वाली है। आइए जाने विस्तार से,
जेएलएल के द्वारा जारी जानकारी के अनुसार हाइवे के किनारे के ज़मीनो के दाम में 80 फ़ीसद की बढ़ोतरी होने वाली है, अगर आप भी उठाना चाहते है इसक्का फ़ायदा तो आइए बताते है आप भी किस प्रकार उठा सकते है फ़ायदा। पूर्व प्रस्तावित आने वाले 5 वर्षों में नेशनल हाइवे अथॉरिटी के द्वारा कुल 22 राज्यों में 3000 हेक्टेयर ज़मीन पर प्राईवेट सेक्टर के साथ मिलकर माइक्रो मार्केट का विकाश करना है।
जिसमें NHAI द्वारा 650 ज़मीनो को चुना जा चुका है, जिनमे 94 ज़मीन मुख्यतः दिल्ली और मुंबई एक्सप्रेस-वे से सटे हुए है। अभी और भी बहुत सारा ज़मीन NHAI द्वारा ख़रीदी जानी है, जेएलएल के सलाहकार का कहना है की आने वाले समय में ज़मीन के रेट में 80 फ़ीसद तक की बढ़ोतरी हो सकती है। इसलिए अगर आपकी ज़मीन हाइवे के किनारे है तो आपको भी बेहतर रिटर्न मिल सकता है। या अगर आप हाइवे के किनारे ज़मीन में निवेश करते है तो आपको कुछ ही सालो में बेहतरीन रिटर्न की प्राप्ति होगी।