कैब सर्विस आज के समय का जाना-पहचाना नाम है, पर कैब सर्विस देने में बिहार में अभी तक बाहरी कंपनियों का हीं दबदबा था और उनकी सेवा शहर के लोग हीं ले पाते थे ऐसे में स्टेशन पर उतरने के बाद गांव जाने के लिए गाड़ी ना मिलने के कारण लोगों को काफी परेशानी होती थी | इस समस्या का समाधान निकाला बिहार ( Bihar ) सहरसा ( Saharsa ) का एक नौजवान ( Dikhush Kumar ) दिलखुश कुमार, जिनकी ‘आर्य गो कैब सर्विस’ बिहार ( Bihar ) के तीन जिला ( Saharsa ) सहरसा, मधेपुरा व सुपौल में कैब सेवा को पहुंचा रहा है, और जल्द हीं अपने आर्य गो कैब ( Arya Go Cab ) सर्विस का विस्तार पुरे बिहार और उत्तराखंड में करेंगे |
पहले कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करते थे दिलखुश कुमार
बिहार ( Bihar ) सहरसा ( Saharsa ) के दूर दराज बनगांव में रहने वाले दिलखुश कुमार जो कल तक एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करते थे, आज आर्य गो कैब कंपनी के मालिक हैं | दिलखुश कुमार के पिता प्राइवेट बस के चालक थे, लेकिन बिहार में ड्राइवरों को तनख्वाह नहीं मिलती जिसके चलते वे पलायन कर बड़े शहरों में काम की तलाश चले जाते हैं | और इसी पलायन को रोकने के लिए दिलखुश अपनी कंपनी आर्य गो कैब सर्विस को अक्टूबर, 2016 में शुभारंभ कर ड्राइवरों की दशा सुधरने का प्रयास कर रहे हैं | इसके अलावा जिनकी कार, बेकार पड़ी हुई हैं उनको भी अपने साथ जोड़ कर बिहार के तीन जिला सहरसा, मधेपुरा व सुपौल में कैब सेवा को पहुंचा रहे हैं | और दरभंगा व मुजफ्फरपुर में भी बहुत जल्द अपनी सेवा देने जा रहे हैं | दिलखुश कुमार की आगे की योजना 2020 तक पूरे बिहार में अपनी कंपनी आर्य गो कैब सर्विस का विस्तार करने का हैं |
बेटी होने पर किराया नहीं लेते हैं
अपने नाम की तरह दिलखुश कुमार सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं | दिलखुश कुमार का मानना है कि मुनाफा के साथ-साथ समाजिक कल्याण के लिए भी काम किया जाना चाहिए | इसके लिए आर्य गो कैब बेटी पैदा होने पर जच्चा-बच्चा को सरकारी अस्पताल से घर तक की मुफ्त सेवा देती है साथ ही सैनिक-शहीदों के परिवार के लिए भी आकर्षक ऑफर देते हैं |