डेहरी अनुमंडल क्षेत्र में उद्योगों के लगने के बाद भी उसे बंद होने का सिलसिला भी नही थमा। वहीं फ़ूड पार्क निर्माण की बात अब यहां के लोगों के लिए सपना बनकर रह गया है। अकोढ़ीगोला के बांक फार्म में छह वर्ष पूर्व फूड पार्क की आधारशिला तत्कालीन केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री द्वारा रखे जाने के बाद भी अब यह योजना ठंडे बस्ते में पड़ गई है।

झूला वनस्पति लिमिटिड के साथ पीपीपी मोड में शुरू होने वाली इस योजना में निजी क्षेत्र की कंपनी जेवीएल दिवालिया घोषित हो गई है। यहां पर उसके द्वारा स्थापित झूला वनस्पति कारखाना में भी ताला लग गया है। कई कामगार बेरोजगार हो गए। फूड पाक के लिए राज्य सरकार ने लीज पर जमीन भी कंपनी को उपलब्ध कराई वह भी इसी तरह पड़ी हुई है।

डेहरी प्रखंड के पहलेजा में जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज ने झूला वनस्पति कारखाने का शुभारंभ 2008 में होने बाद रोजगार की  आस जगी ।लोगो को रोजगार भी मिले । कम्पनी प्रबंधन की लापरवाही के कारण जून 2020 में यह कम्पनी परिसमापन में चली गई। उत्पादन बन्द होने से सैकड़ो कामगारो की रोजी रोटी छीन गई। वनस्पति कंपनी का साल 2008 में तब के उप मुख्यमंत्री व राज्य सभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने उद्घाटन किया था।

यहां 500 से 600 टन वनस्पति व रिफाइन  तेल का उत्पादन होता था। इस दौरान कंपनी लगातार तरक्की करती गई और उत्पादन  हजार टन रोजाना तक पहुंच गया था। इस कंपनी में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 700 अधिकारी, कर्मचारी कार्यरत थे। वित्तीय कमी से जूझ रही इस इंडस्ट्रीज को पाम आयल निर्यातक देशों ने आवश्यक कच्चे माल की आपूर्ति कम कर दी तो उत्पादन घटता चला गया।

2017 से कम्पनी की वितीय स्थिति खराब हो गई। कम्पनी को दिवालिया घोषित कर दिया गया। दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया से कंपनी के सैकड़ों कर्मचारियों के सामने रोजी रोटी की संकट खड़ा हो गया है। रिसीवर द्वारा कंपनी को टेकओवर कर लिया गया है।

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