नेपाल की तराई से निकल कर प्रखंड क्षेत्र से गुजरने वाली हरदी व मरहा नदी गत वर्षों की तरह इस बार भी क्षेत्र में ताबही मचाई है. हालांकि यह नई बात नहीं है. गत वर्ष भी क्षेत्र के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था, पर विभागीय अधिकारी व कर्मी बाढ़ के समय राशि की लूट कर लेने के बाद फिर से कान में रुई डाल कर सो जाते है
स्थानीय लोगों का कहना है कि बरसात से पूर्व अगर इसका ठोस निराकरण किया जाता तो शायद बाढ़ के समय क्षेत्र के किसानों के हजारों एकड़ भूमि में लगी फसल व अन्य तबाही का सामना नहीं करना पड़ता. विगत कई बार से नदी की धारा में परिवर्तन हो गया है, जिसके चलते लोगों की परेशानी अधिक बढ़ गई है. स्थानीय मुखिया आमना खातुन ने बताया कि नदी की धारा बदलने के कारण सभी तरह के विकास कार्य प्रभावित हो जाते हैं.
गत दिन निरीक्षण के क्रम में आये जिला प्रभारी मंत्री जमा खान द्वारा बागमती परियोजना के कार्यपालक अभियंता को आदेश दिया था कि गांव की ओर घुमी हुई धारा को मोड़ कर मुख्य धारा में जोड़वाया जाये, पर अब तक विभागीय अधिकारी व कर्मियों द्वारा धरातल पर कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई है. मोबाइल पर कॉल करने पर रिसीव नहीं किया जाता है. कभी-कभार रिसीव कर भी लेते हैं तो आश्वान दिया जाता है कि कल से हीं कार्य शुरु करवाया जायेगा, पर अब तक ऐसा कुछ नहीं देखा जा रहा है.