बिहार में मानसून खूब कहर बरपा रहा है. लगातार हो रही बारिश से राज्य के आठ जिले बाढ़ से बुरी तरफ प्रभावित हैं (Flood in Bihar). उत्तर बिहार में बूढ़ी गंडक (Old Gandak) कहर बरपा रही है. मुजफ्फरपुर के कांटी प्रखंड के दर्जन भर पंचायत जलमग्न हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हवाई सर्वेक्षण भी किया लेकिन जमीन पर हालात कुछ और है.
इस गांव में लोगों के घरों के ऊपर से नावें चल रही हैं. बातचीत करने पर पता चला कि गांव के ज्यादातर लोग पलायन कर चुके हैं. वहीं कुछ लाचार और बेबस लोग अभी भी गांव में फंसे रह गए हैं. गांव की एक महिला दुलारी देवी के आंगन में कमर तक पानी है. अपने हालात बयां करते-करते रोने लगती हैं.
कई दिनों से चूड़ा खाकर गुजारा कर रहा परिवार
वहीं राजेन्द्र साव जिनकी बेटियां 10 दिनों से बीमार हैं जो खाट से उठ नही सकती हैं. जैसे तैसे एक ऊंची जगह का जुगाड़ हुआ है. परिवार कई दिनों से चूड़ा खाकर गुजारा कर रहा है. मिठन सराय गांव की ही नीलम देवी कहती है, गांव की इसी गली में कुछ महीने पहले चुनाव के समय नेताओं का जमघट लगा रहता था,आज कोई झांकने तक नही आया. पानी मे दुबे हुए बिजली कें खम्भे पर चुनावी पोस्टर आज भी मुंह चिढ़ा रहा है.
राहत शिविर में रहने को मजबूर लोग
सरकार ने कुछेक नाकाफी नावों की व्यस्था जरूर की है लेकिन ज्यादातर गांव अभी भी इनकी पहुंच से दूर हैं. गांव पानी में डूबा है. जिसके बाद एक बड़ी आबादी नेशनल हाईवे पर राहत शिविर में रह रही है. जहां सरकारी खिचड़ी का मिलना भी किसी खुशनसीबी से कम नही.