बिहार में नए राजनीतिक समीकरण का ताना- बाना बुना जाने लगा है. इसकी एक बनागी शुक्रवार को दिखी. जब चिराग अपनी आशिर्वाद यात्रा के क्रम में खगड़िया के शहरबन्नी पहुंचे. वहां तो वे पहुंचे थे अपनी बड़ी मां का आशिर्वाद लेने, लेकिन बंद कमरे उनकी राजद के अलौली विधायक रामवृक्ष सदा और राजद जिलाध्यक्ष कुमार रंजन के साथ जो बातचीत हुई वो बिहार की राजनीतिक तापमान को बढ़ा दिया है.

सूत्रों की माने तो अलौली के राजद विधायक रामवृक्ष सदा ने चिराग और तेजस्वी की बात करवायी है. बंद कमरे में दोनों की लंबी बातचीत हुई. कहा जा रहा है कि चिराग की यात्रा को राजद का समर्थन प्राप्त है. राजद के सूत्रों का कहना है कि चिराग महागठबंधन के बंधन में बंधने से पहले संगठन मजबूत करने की तैयारी में लगे हैं. इसलिए उन्होंने महागठबंधन के बंधन से बंधने से तो फिलहाल इंकार कर दिया है.

लेकिन, तेजस्वी को उन्होंने यह अश्वासन जरुर दिया है कि एनडीए के बंधन से मैं अब मुक्त हो गया हूं. यात्रा खत्म करने के बाद हम इस दिशा में फैसला करेंगे. बहरहाल, जो कुछ हो बिहार की राजनीति कब किस दिशा में मोड़ ले ले, ये कोई नहीं जानता. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि आने वाले समय में दोनों एक साथ दिखाई दे सकते हैं. इसके पीछे कारण वे दोनों की एक स्वर बयानबाजी से जोड़कर देखा जा रहा है.

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