पाम आयल के आयात पर प्रतिबंध हटने से बाजार में एक बार फिर सस्ता नेपाली पाम आयल बकेगा। नेपाल में तैयार होने वाले करीब आठ कंपनियों के पाम आयल स्थानीय बाजार में बिकते थे, लेकिन पिछले वर्ष मई में सरकार ने पाम तेल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। प्रतिबंध हटते ही पाम आयल के मूल्य में भारी गिरावट आई है।
बीस जुलाई से बाजार में उपलब्ध होगा नेपाली पाम आयल
नेपाली पाम आयल 20 जुलाई तक स्थानीय मंडी में बिक्री के लिए उपलब्ध होगा। नेपाली पाम के आयल भारत के बाजार में आने का रास्ता साफ होने के बाद माना जा रहा है कि पाम आयल के मूल्य में आने वाले दिनों में भारी कमी आएगी। पाम आयल के आयात पर प्रतिबंध हटने से बाजार में एक बार फिर सस्ता नेपाली पाम आयल बकेगा। नेपाल में तैयार होने वाले करीब आठ कंपनियों के पाम आयल स्थानीय बाजार में बिकते थे, लेकिन पिछले वर्ष मई में सरकार ने पाम तेल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। नेपाली पाम आयल 20 जुलाई तक स्थानीय मंडी में बिक्री के लिए उपलब्ध होगा।
तेल के आयात होने से पहले ही पाम आयल के दामों में गिरावट आई है। मई में सरसों का तेल व रिफाइंड की तरह पाम आयल भी अपने उच्चतम कीमत (144 रुपये लीटर) पर पहुंच गया था। यह सबसे सस्ता तेल होता है, इसलिए होटल, रेस्टोरेंट से लेकर भुजिया नमकीन और औद्योगिक उपयोग में इसी का इस्तेमाल होता है।
नेपाल और बांग्लादेश से बड़े पैमाने पर होता था निर्यात
दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र (साफ्टा) संधि के तहत नेपाल और बांग्लादेश बड़े पैमाने पर पाम आयल निर्यात करता था, जबकि दोनों देश में पाम आयल की आपूर्ति मलेशिया और इंडोनेशिया से होती है। साफ्टा संधि के तहत इस संधि से दो देशों में उत्पादन लागत बाकी के देशों की तुलना में काफी सस्ती होती है।