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अभी शादियों की सीजन चल रहा है जिससे भारी मात्रा में किसान पारंपरिक कृषि से अब फूल की खेती की तरफ रूख कर रहे हैं, जिसमें सबसे ज्यादा गेंदे के फूल की खेती की जा रही है। बता दे की यह कम लागत में काफी मुनाफा कमाने का जरिया है। यह बारहमासी पौधा है, जिसकी खेती सालों भर होती है। इस वजह से बाजारों में अन्य फूलों की कमी होती है, लेकिन गेंदे का फूल हर जगह आसानी से मिल जाता है।

मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ शुरू की खेती : आपको बता दे की मैनपुरी (Mainpuri) ज़िले के सुल्तानगंज ब्लॉक के गांव पद्मपुर छिबकरिया के रहने वाले रवि पाल (Ravi Pal) एमबीए (MBA) से पोस्ट ग्रेजुेएशं करने के बाद एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करने लगे, लेकिन उसमें उनका मन नहीं लगा। उसके बाद उन्होंने गेंदे की खेती करने का फैसला किया। रवि बताते हैं कि एक एकड़ में तकरीबन 15 हजार तक पौधे लगा सकते हैं। रवि 15 से 20 हजार की लागत से 2 से 4 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा लेते हैं।

गेंदे के पौधे का फायदा : खास बात यह है की गेंदे के फूल की पत्तियों में औषधीय गुण होने के वजह से पशु इसे खराब नहीं करते तथा इन पौधों पर लाल मकड़ी के अलावा कोई कीट भी नहीं लगता है, जिससे अन्य फसलों की तुलना में यह ज्यादा लाभदायक है। गेंदे के पौधे लगाने से मिट्टी के अंदर लगने वाली कई बीमारियां भी दूर हो जाती हैं। अन्य पौधों की तरह ही गेंदे के पौधे को भी लगाया जाता है।

जानकारों की माने तो गेंदे के पौधे को खेतों में कॉलम के हिसाब से डेढ़ फीट और लाइन के हिसाब से दो फीट की दूरी पर लगाना चाहिए। इससे सभी पौधों का विकास सही तरीके से होता है। इसके अलावा इन पौधों को किसी भी प्रकार के कीटनाशकों की जरूरत नहीं पड़ती। केवल गोबर के खाद्य का ही उपयोग होता है, इसमें लागत भी ज्यादा नहीं लगती।

गेंदे के फूल की डिमांड हमेशा रहती है : बताया जा रहा है की फूल की मार्केटिंग करना बहुत ही आसान है क्योंकि मंदिरों को साल के 365 दिन इसकी जरूरत होती है। इसके अलावा किसी भी इवेंट में इसकी काफी डिमांड रहती है। साथ ही रंग बनाने वाली कंपनियों में भी सालों भर फूलों की मांग रहती है और औषधीय गुण होने की वजह से तेल और दवा बनाने वाली कंपनियों में इसके पत्तियों का डिमांड रहती है

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