लंबे समय से उबल रहा रिफाइंड ऑयल और सरसों का तेल अब ठंडा होना शुरू हो गया है। कारोबारियों की मानें तो इसके पीछे अमेरिका में बायो डीजल रिफाइनरी में प्रयोग होने वाले सोयाबीन पर रोक से रिफाइंड ऑयल की कीमतों पर असर आया है। वहीं भाव उतरते देख न केवल जमाखोरों ने बल्कि किसानों ने भी सरसों को बाहर निकालने में अपनी भलाई समझते हुए उसे बाजार में बेचना शुरू कर दिया है। इसी का नतीजा है कि लगातार खौल रहे तेल के भाव में बड़ा अंतर आया है। बीते बीस दिन में करीब 15 से 20 रुपये लीटर की कमी दर्ज की गई है।  

थोक मंडी

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  • खाद्य तेल-           जून [प्रथम सप्ताह]     जून [अंतिम सप्ताह]
  • रिफाइंड ऑयल     2,420                        2,150
  • बैल कोल्हू            2,550                         2,250
  • नोट : कीमत रुपये प्रति टिन (15 लीटर)

फुटकर मंडी

  • खाद्य तेल-          जून [प्रथम सप्ताह]    जून [अंतिम सप्ताह-मई -जून]
  • रिफाइंड ऑयल   170                        150
  • बैल कोल्हू          175                         155
  • नोट : कीमत रुपये प्रति लीटर

सरसों के तेल की डिमांड बढऩे के साथ ही भाव चढ़ते देख किसानों ने सरसों रोक ली। इससे कीमतें चढ़ती चली गईं। वहीं अब अमेरिका ने बॉयो डीजल के इस्तेमाल में होने वाले सोयाबीन पर रोक लगा दी है। इससे रिफाइंड ऑयल का भाव गिरना शुरू हो गया है। -कैलाश अग्रवाल, ऑयल मिल के मालिक एवं थोक कारोबारी

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