नए श्रम कानून को लेकर है नए श्रम कानून के तहत कामगारों के लिए काम के घंटे काफी लचीला बनाने की कोश‍िश की जा रही है. इसके तहत यह प्रस्ताव है कि हफ्ते में अध‍िकतम 48 घंटे काम कराया जाए. नियमों को लचीला बनाते हुए यह किया जा सकता है कि अगर कोई कामगार हफ्ते में चार दिन में ही 48 घंटे काम कर लेता है यानी हर दिन 12 घंटे तो बाकी तीन दिन उसे छुट्टी दी जा सकती है.

लेकिन इसके लिए हर दिन काम के घंटे की सीमा मौजूदा 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे करनी होगी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय श्रम सचिव अपूर्व चंद्रा ने सोमवार को कहा कि कर्मचारियों के लिए हफ्ते में अध‍िकतम 48 घंटे तक ही काम करने की सीमा तय की जाएगी.बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक अपूर्व चंद्रा ने कहा कि कई कंपनियां चार दिन के वर्क श‍िफ्ट में काम करने को तैयार दिखती हैं. उन्होंने कहा, ‘ हमने कार्यदिवस में लचीलापन लाने की कोशिश की है.

 ऐसा संभव है कई एम्प्लॉयर पांच दिन काम वाले हफ्ते की व्यवस्था अपनाएं. कई एम्प्लॉयर ने हफ्ते में चार दिन के ही काम वाला सिस्टम अपनाने की इच्छा जताई है.’ लेकिन कंपनियों को यह छूट दी जा सकती है कि वे इसके मुताबिक कर्मचारियों की मंजूरी से अपने दैनिक कार्य अवध‍ि में फेर-बदल कर सकें. इसका मतलब यह है कि अगर कोई कर्मचारी चाहे तो एक दिन में ही 10 से 12 घंटे काम करे और हफ्ते के छह दिन काम करने की जगह 4 से 5 दिन में ही अपना टारगेट पूरा कर ले.

इसमें बीच में अल्पकालिक अवकाश (इंटरवल) भी शामिल हैं. मौजूदा प्रावधानों के तहत आठ घंटे के वर्किंग ऑवर में कार्य सप्ताह छह दिन का होता है तथा एक दिन अवकाश का होता है. प्रस्ताव के अनुसार, कोई भी व्यक्ति कम से कम आधे घंटे के इंटरवल के बिना पांच घंटे से अधिक लगातार काम नहीं करेगा. अब देखना ये है ये श्रम कानून कब से लागू होता है.

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