बिहार के सभी राज्य उच्च पथ (State Highway) कम से कम दो लेन के होंगे, ताकि राज्य के किसी भी हिस्से से पांच घंटे में राजधानी पटना पहुंचने का लक्ष्य प्राप्त हो सके। इसे लेकर पथ निर्माण विभाग की ओर से कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने राज्य उच्च पथों के किनारे नागरिक सुविधाएं विकसित करने हेतु कार्ययोजना में इसका प्रविधान करने पर जोर दिया है।
वर्तमान में राज्य में 3700 किलोमीटर लंबाई के राज्य उच्च पथ हैं।
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन के मुताबिक, राज्य सरकार ने एशियन विकास बैंक से पांच सौ मिलियन डालर का ऋण प्राप्त किया है। इस राशि से 11 राज्य उच्च पथों के कम से कम दो लेन चौड़ाई का बनाया जाएगा। कई राज्य उच्च पथ, जिन पर यातायात घनत्व ज्यादा है, उन्हें दो लेन का करने के साथ उनके दोनों किनारे को पक्का भी बनाया जाएगा। पहले चरण में छह राज्य उच्च पथों को 10 मीटर चौड़ा बनाने की स्वीकृति दी गई थी।
इन स्टेट हाइवे का होगा काम
इनमें बिहियां-जगदीशपुर-पीरो-बिहटा (एसएच-102), घोंघा-पंजबारा-भागलपुर (एसएच-84), अकबरनगर-अमरपुर (एसएच-85), उदाकिशनगंज से भटगामा (एसएच-58) और कादिरगंज-खैरा (एसएच-82) शामिल हैं। उनमें से चार राज्य उच्च पथों का कार्य पूरा हो चुका है। दूसरे चरण में बेतिया-नरकटियांगज (एसएच-105), मानसी-फान्गु हाल्ट (एसएच-95), कटिहार से बलरामपुर (एसएच-98), वायसी-बहादुरगंज-दिघलबैक (एसएच-99) के निर्माण की मंजूरी दी गई है। मंगलवार को कैबिनेट ने मंझवे-गोविंदपुर, अम्बा-देव-मदनपुर, फान्गु हॉल्ट से सिमरी बख्तियारपुर पथों के शेष भाग के निर्माण की स्वीकृति मिली है। इन सब की निविदा 15 दिनों में निकाली जाएगी।