भले ही इस समय कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर की वजह से हर तरफ कोहराम मचा हुआ है, लेकिन इस बीच बिहार के मुजफ्फरपुर से एक अच्‍छी खबर सामने आयी है. दरअसल कोरोना की वजह से देश के तमाम राज्‍यों लॉकडाउन (Lockdown) लागू है और इस वजह से 14 साल से बिछड़े एक बेटे की अपनी मां मुलाकात हुई है. यही नहीं, मोहम्‍मद मुद्दसिर उर्फ राजू की एक हिंदू द्वारा उसकी मां से मुलाकात कराने के कारण लोग इस कौमी एकता की मिसाल बता रहे हैं.

बता दें कि बिहार के कटिहार जिले के हल्दिया का रहने वाला मोहम्‍मद मुद्दसिर उर्फ राजू करीब 14 साल पहले अपने गांव के कुछ लोगों के साथ भागकर करनाल पहुंच गया था, जहां उसे एक मनोज कुमार नामक किसान के घर में काम पर रख लिया. इसके बाद से वह अपने घर नहीं लौटा, क्‍योंकि वह अपने घर का पता ठिकाना तक भूल गया था. हालांकि इन 14 सालों में राजू नें कई बार घर लौटने की इच्छा जताई, लेकिन कोई उसे लेकर आने वाला नहीं था.

फिर ऐसे बदली किस्‍मत

करीब चार माह पहले उसकी मुलाकात मुजफ्फरपुर के औराई थाना क्षेत्र के भलुरा गांव निवासी सहदेव सहनी से हुई. सहदेव सहनी तेलंगाना में नौकरी करता था, लेकिन चार माह पहले वह तेलंगाना से करनाल लौटा था, जहां उसे राजू के मालिक मनोज कुमार के घर में काम मिल गया. सहदेव को वहीं पता चला कि राजू बिहार के कटिहार का रहने वाला है और 14 सालों से घर नहीं गया है.

इसके उसने राजू को आश्वासन दिया कि जब बिहार लौटेगा तो उसे भी उसके गांव पहुंचा देगा. इसी बीच कोरोना की दूसरी लहर के कारण हरियाणा में भी लॉकडाउन की घोषणा हो गई, तो सहदेव सहनी 14 साल से घर लौटने का इंतजार कर रहे राजू को लेकर मुजफ्फरपुर स्थित अपने गांव आ गया. करीब 12 दिनों तक मोहम्‍मद मुद्दसिर उर्फ राजू सहदेव सहनी के घर हिस्सा बनकर रहा.


यही नहीं, इस बीच सहदेव सहनी ने सोशल मीडिया के माध्‍यम से राजू के परिवार की तलाश जारी रखी. वहीं, मुजफ्फरपुर के ही एक मुसलमान ठेकेदार ने सोशल मीडिया के सहारे राजू के परिजनों को खोज निकाला. इसके बाद राजू की बात उसके भाई से मोबाइल पर कराई और फिर उसकी मां अपने दूसरे बेटे के साथ राजू को लेने मुजफ्फरपुर के औराई पहुंच गये. इधर सहदेव सहनी को उसके मालिक ने हिदायत दे रखी थी कि राजू को सही परिवार नहीं मिला तो उसे हरियाणा वापस ले आना और इसके लिए उन्होनें पर्याप्त रुपये भी दिए थे. इस वजह से सहदेव सहनी ने आधार कार्ड और राशन कार्ड से राजू के परिवार का सत्यापन करके उसे मां के हवाले कर दिया.

जब बेटे से 14 साल बाद मिली मां

बहरहाल, 14 साल से बिछड़े मां बेटा ने जब एक दूसरे को गले लगाया तो गांव में सब देखते ही रह गये. इसके बाद राजू की मां असगरी बेगम बस इतना कही बता पाई कि बेटे के गम में नींद नहीं आने की वजह से आंखों की रौशनी मंद पड़ गयी और कान भी कमजोर हो गये हैं. इतने दिनों तक ठीक से खाना भी नहीं खाया. जबकि असगरी बेगम पूरे गांव को दिल से दुआ दे रही हैं, तो सहदेव सहनी के गुण गाते नहीं थक रही हैं. वहीं, वह बेटे की वापसी में लॉकडाउन की अहम भूमिका बता रही हैं.

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