हाई सिक्योरिटी वाली चित्रकूट की रगौली जेल में पिछले साल कोरोनाकाल से ही बंदियों से मुलाकात बंद है। बावजूद इसके जेल के अंदर शार्प शूटर अंशुल दीक्षित तक पिस्टल पहुंच गई। जेल की सुरक्षा ही नहीं, इससे वहां के स्टाफ पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

आधुनिक तकनीक से बनी इस हाई सिक्योरिटी जेल में पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण के समय से ही परिजनों की बंदियों से मुलाकात बंद है। बंदियो के परिजनों के पहुंचने पर उनसे फोन पर बात कराई जाती है। परिजन खाने-पीने की सामग्री लाते हैं तो बारीकी से छानबीन के बाद उसे जेल का स्टाफ बंदियों तक पहुंचाता है। ऐसे में जिला कारागार के अंदर शार्प शूटर तक पिस्टल कैसी पहुंच गई। माना जा रहा है कुछ जेल स्टाफ की मिलीभगत से शूटर तक पिस्टल पहुंचाई गई।

अंशुल ने लगातार फायरिंग की, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसके पास बड़ी संख्या में कारतूस थे। यह भी संभव है पिस्टल और गोलियां अलग-अलग उसके पास पहुंची हों। यह सब पहुंचने के बाद उसने बैरक में कहां और कैसे उन्हें छिपाकर रखा यह भी जांच का विषय है, क्योंकि समय-समय पर बैरक की तलाशी होती है।

इससे जेल के एक-दो नहीं कई लोगों के उसके साथ मिले होने की आशंका जताई जा रही है। इसमें सुरक्षा कर्मियों से लेकर ऊपर के लोग भी शामिल हो सकते हैं। वहीं, एसपी अंकित मित्तल का कहना है कि जेल के भीतर पिस्टल कैसे पहुंची और किसने पहुंचाया, यह जांच का विषय है। फोरेंसिक टीम भी जांच में लगी है, जांच के बाद सब कुछ सामने आ जाएगा।

साभार – hindustan

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