बिहार में कोरोना का कहर बदस्तूर जारी है. कानून-व्यवस्था और कोरोना प्रोटोकॉल मेंटेन करने की दोहरी भूमिका निभा रहे हजारों फ्रंटलाइन वॉरियर्स कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. फ्रंटलाइन वॉरियर्स में सबसे ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों को कोरोना संक्रमण का शिकार होना पड़ रहा हैं अब तक कई पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है.

अपने सहकर्मियों की मौत को देखते हुए बिहार के पुलिसकर्मियों ने सरकार के सामने बड़ी मांग रखी है. बिहार के पुलिसवालों की मांग है कि जैसे स्वास्थ्यकर्मियों का इस कोरोना काल के लिए 50 लाख की बीमा सरकार स्तर पर करवाया गया है, उसी तरह खाकी वर्दीधारियों के लिए भी सरकार 50 लाख रुपये का जीवन बीमा करवाए.

इस बाबत बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने पुलिस के मुखिया यानी डीजीपी एसके सिंघल को एक पत्र लिखकर ये मांग उनके समक्ष रखी है. मृत्युंजय सिंह ने अपने इस पत्र में लिखा है कि स्वास्थ्यकर्मियों के जैसे ही पुलिसकर्मियों लिए भी 50 लाख रुपये का जीवन बीमा होना चाहिए.

DGP एसके सिंघल को लिखे पत्र में बिहार पुलिस एसोसिएशन ने कहा है कि कोरोना वायरस की गंभीर समस्या को देखते हुए संक्रमण से बचाव और इसकी रोकथाम को लेकर बिहार सरकार काफी बेहतर कार्य कर रही है. स्वास्थ्यकर्मियों की तरह बिहार के समस्त पुलिसकर्मी भी अपनी जान को जोखिम में डालकर दिन-रात सड़क पर उतरकर जनता की सुरक्षा, हॉस्पिटल की विधि व्यवस्था समेत अनेकों स्थानों पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं. पुलिसकर्मी अपने कत्तर्व्य के दौरान कभी भी जाने अंजाने में कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं.

कोरोना संक्रमित कई पुलिसकर्मी गवां चुके हैं जान

मृत्युंजय सिंह अपने इस पत्र में आगे लिखते हैं कि कोरोना से कई पुलिसकर्मी अपनी जान गवां चुके हैं. बिहार के पुलिसकर्मियों के परिवार भी काफी चिंतित हैं. बिहार की पुलिस अपने बेहतर कार्यों से बिहार की जनता के दिलों को जीत रही है. हर तरफ पुलिसकर्मियों के बेहतर कार्य की सराहना हो रही है.

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