इस कोरोना काल में सबसे ज़्यादा कमी आ रही है सकारात्मक सोच की. हर तरफ से आ रही बुरी खबरों के कारण लोग डरे सहमे हैं. ऐसे में सकारात्मक खबरें मन में जोश भरने का काम करती हैं. ऐसी ही एक खबर मध्यप्रदेश के भोपाल से आई है. हालांकि जिस बच्ची के संबंध में यह खबर है उसके साथ नियति ने अन्याय करते हुए उसकी मां को उससे छीन लिया. 

5 दिन की बच्ची ने खो दिया मां को     

Corona Testing

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कोरोना के इस दौर में सबसे ज़रूरी है इंसान का एक-दूसरे की मदद के लिए आगे आना. ऐसा ही कुछ देखने को मिला मध्यप्रदेश के भोपाल में. इस कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में महिलाओं के लिए संक्रमण का खतरा काफी बढ़ जाता है. रायसेन रोड की एक गर्भवती महिला के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ. महिला के गर्भ को साढ़े सात महीने हो गए थे. इसी दौरान महिला 5 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हो गई.

9 अप्रैल को परिजनों ने महिला को चिरायु हॉस्पिटल में भर्ती कराया. महिला के कोरोना संक्रमित होने के साथ साथ उनके साथ दूसरी समस्या ये रही कि इसी बीच 11 अप्रैल को उनकी सिजेरियन डिलीवरी हो गई. महिला ने एक प्यारी सी बेटी को जन्म दिया. इस संकट की घड़ी में घर वालों को खुशी मनाने का एक मौका मिला था लेकिन नियति को इनकी ये खुशी शायद मंजूर नहीं थी. महिला का इलाज जारी रहा लेकिन 15 अप्रैल को वह अपनी 5 दिन की बच्ची को छोड़ कर इस दुनिया से चली गई. 

एक के बाद एक समस्या   

baby

कोरोना संक्रमण के कारण हुई महिला की मौत के बाद डॉक्टर्स को सबसे ज़्यादा डर यह था कि कहीं बच्ची भी कोरोना संक्रमित ना हो. इसी वजह से बच्ची का टेस्ट किया गया लेकिन राहत की बात ये रही कि बच्ची का टेस्ट नेगेटिव आया. मगर समस्या ये आई कि बच्ची प्री-मैच्योर थी, इस वजह से उसका इलाज जारी रहा. कुछ दिनों के लिए उसे पाउडर वाला दूध दिया गया लेकिन उसके जल्दी स्वस्थ होने के लिए मां के दूध की जरूरत थी. परिजनों के लिए चिंता की बात यह थी कि जब बच्ची की मां इस दुनिया से जा चुकी है तो फिर भला उसकी ये जरूरत कैसे पूरी हो.

मां चली गई पर ममता बनी रही

Breastfeeding: Importance of Breast milk  Maintain good breast hygiene.

इस बीच परिजनों को सोशल मीडिया का सहारा लेना पड़ा. उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से शहर के लोगों के सामने गुहार लगाई कि उनकी नन्हीं सी बेटी को मां के दूध की जरूरत है. बच्ची के पिता ने अपना मोबाइल नंबर देते हुए शहरवासियों से मदद करने का अनुरोध किया.

इस मैसेज के वायरल होते ही परिजनों को एक के बाद एक कॉल आने लगे. महिलाएं फोन कर के कहने लगीं कि उन्हें ऐसा कर के खुशी होगी. लोगों ने इस बात को इतना सीरियस लिया कि मात्र एक घंटे में 30 माओं ने बच्ची के लिए अपना दूध देने की इच्छा जाहिर कर दी. शाम तक बच्ची पर अपनी ममता लुटाने वाली माओं की संख्या 60 हो गई. महिलाओं ने बच्ची के प्रति इतना स्नेह दिखाया कि अंत में परिजनों को दूसरा संदेश जारी करते हुए ये कहना पड़ा कि उन्हें बच्ची के लिए पर्याप्त मात्रा में मां का दूध मिल गया है.

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