बिहार में होने वाले पंचायत चुनाव पर ग्रहण लग गया है. कोरोना के कहर के बीच पंचायत चुनाव को टालने की मांग उठने लगी है. कोरोना को लेकर नीतीश कुमार की हाईलेवल मीटिंग में कई जिलाधिकारियों ने पंचायत चुनाव स्थगित करने की मांग की

पंचायत चुनाव पर ग्रहण
नीतीश कुमार ने रविवार को पूरे दिन सूबे में कोरोना के हालात को लेकर चर्चा की. हालांकि बैठक में कोरोना का प्रसार रोकने औऱ इलाज की व्यवस्था करने पर ज्यादा चर्चा हुई लेकिन पंचायत चुनाव का मामला भी उठा. वैसे सरकार ने पंचायत चुनाव पर बाद में चर्चा करने की बात कही है. लेकिन संभावना यही है कि कोरोना के कहर को देखते हुए पंचायत चुनाव टाला जायेगा.

पत्रकारों ने जब पंचायत चुनाव को लेकर नीतीश कुमार से सवाल पूछा तो मुख्यमंत्री ने कहा “अभी पंचायत चुनाव के बारे में नहीं देखा गया है. आज के दिन विचार करते हुए पंचायत चुनाव पर नहीं सोंचा गया है. लेकिन आज देखा है कि कई जगहों से इसके बारे में भी बात आयी. अभी इलाज औऱ संक्रमण रोकने की व्यवस्था करके पंचायत चुनाव पर चर्चा की जायेगी.”

वैसे नीतीश ने ये भी कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग को फैसला लेना पड़ेगा. तकनीकी तौर पर पंचायत चुनाव पर फैसला राज्य निर्वाचन आयोग को ही लेना है लेकिन आखिरी फैसला राज्य सरकार ही लेगी. 

बिहार सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि पंचायत चुनाव में सारे संसाधन राज्य सरकार को ही लगाने होंगे. फिलहाल जो हालात हैं उसमें कोरोना से निपटने के लिए संसाधन औऱ आदमियों की कमी पड़ रही है. ऐसे में पंचायत चुनाव के लिए न कर्मचारी-अधिकारी उपलब्ध कराना संभव होगा औऱ ना ही दूसरे संसाधन. इस हालात में अगले दो-तीन महीनों में पंचायत चुनाव करा पाना मुमकिन नहीं होगा.

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