बिहार विधान परिषद के लिए राज्यपाल कोटे से 12 सदस्यों का मनोनयन और शपथ ग्रहण हो गया। बजट सत्र में नव मनोनीत सदस्य शामिल भी हो रहे हैं लेकिन अब विधान परिषद की 2 दर्जन सीटों पर जून-जुलाई में चुनाव होना है।

स्थानीय प्राधिकार के माध्यम से चुनाव जीत कर आने वाले विधान परिषद के 24 सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने वाला है।

बिहार में इस साल पंचायत के चुनाव होने हैं और इन्हीं पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा स्थानीय प्राधिकार से चुनकर आने वाले विधान परिषद सदस्यों का चयन होता है।

पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग और भारत निर्वाचन आयोग के बीच फंसा हुआ पर विधान परिषद की इन सीटों के लिए ग्रहण बन सकता है।

विधान परिषद के 24 सदस्यों का कार्यकाल 16 जुलाई 2021 को खत्म हो रहा है। कार्यकाल खत्म होने के साथ ही 24 सीटें खाली हो जाएंगी।

इनमें से 4 सीटें पहले से ही खाली हैं जबकि 20 सदस्यों का कार्यकाल 16 जुलाई को खत्म होगा। इन सीटों पर चुने गए प्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म होने के पूर्व चुनाव कराए जाएंगे।

परिषद की इन सीटों के लिए प्रतिनिधियों का चयन त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि के माध्यम से किया जाता है। इस चुनाव में आम लोगों वोटर नहीं होते हैं बल्कि पंचायती राज प्रतिनिधि वोट देते हैं।

24 विधान परिषद सीटों के लिए वोटर मुखिया, जिला परिषद सदस्य, वार्ड सदस्य समेत अन्य त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि होते हैं और यही अपने मताधिकार का प्रयोग कर उच्च सदन के लिए सदस्यों को चुनते हैं।

लेकिन पंचायत चुनाव में हो रही देरी की वजह से विधान परिषद चुनाव पर भी ग्रहण लग सकता है।

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