बिहार में सरकारी नौकरी (Bihar Teacher Salary) की दूसरे राज्यों से कुछ ज्यादा ही क्रेज है। लोगों को ख्वाहिश होती है, नौकरी चाहे जैसी भी हो, सरकारी होनी चाहिए। इसके चक्कर में इंजीनियर भी फोर्थ ग्रेड इम्पलाई (Fourth Grade Employee) बनने के लिए फॉर्म भरते रहते हैं। खबरों की माने तो प्रधान शिक्षक की बहाली में अपने ही राज्य के ट्रेनिंग कॉलेज से ट्रेंड शिक्षकों को बिहार सरकार ने मान्यता देने से इनकार कर दिया है। सत्र 2008-10, 2009-11 और 2010-12 में राज्य के सभी प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों में डीएड अर्थात डिप्लोमा इन एजुकेशन कोर्स सरकार द्वारा चलाया गया था। जिसमें नियमित छात्राध्यापक के रूप में बिहार के हजारों शिक्षकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया था। अब जब राज्य सरकार प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षकों की बहाली कर रही है तो इन कॉलेजों से ट्रेंड शिक्षक प्रधान शिक्षक पद के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।

डीएड प्रशिक्षित शिक्षकों को भी प्रधान शिक्षक की बहाली में शामिल होने का मौका : आपको बता दे की माननीय मुख्यमंत्री, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्राथमिक शिक्षा निदेशक और बीपीएससी सचिव को सौंपे ज्ञापन में कहा कि जिस प्रकार से डिप्लोमा इन प्राइमरी एजुकेशन प्रशिक्षित शिक्षकों के लिए संशोधित अधिसूचना जारी की गई है। उसी तरह से डीएड प्रशिक्षित शिक्षकों को भी प्रधान शिक्षक की बहाली में शामिल होने का मौका दिया जाए क्योंकि ये सभी शिक्षक राज्य सरकार के द्वारा संचालित ट्रेनिंग कॉलेज से ही ट्रेंड है। अन्यथा परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेगा।

शिक्षकों को हो रही है परेशानी : मीडिया रिपोर्ट की माने तो बिहार के प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय में पूर्व में डीएड अर्थात डिप्लोमा इन एजुकेशन नाम से प्रशिक्षण कोर्स संचालित था जिसका नाम बदलकर वर्तमान में डीएड या डीएलएड कर दिया गया है। इस कारण यह परेशानी उत्पन्न हुई है। इसको लेकर परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी ने राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए ज्ञापन सौंपा है।

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 5 years.