बिहार में पिछले कुछ दिनों से महामारी के गति को कम करने के लिए बिहार में शिक्षा संसथान सहित बहुत चीजो पर प्रतिबंध लगा दिए थे | जिसे अब बिहार के शैक्षणिक संस्थान 6 फरवरी के बाद खोले जाने के आसार हैं। महामारी की मौजूदा दर कायम रही या और कमजोर पड़ी तो बिहार के सभी सरकारी व निजी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग व अन्य शैक्षणिक संस्थानों के 7 फरवरी से खोल देने की प्रबल संभावना है।

आपको बता दे की इसको लेकर अंतिम फैसला राज्य सरकार द्वारा गठित आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में लिया जाएगा। माना जा रहा है कि इस समूह की बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 5 फरवरी को होगी क्योंकि महामारी को लेकर राज्य सरकार का वर्तमान दिशा-निर्देश 6 फरवरी तक के लिए प्रदेश में लागू है। जिसके तहत तमाम शैक्षणिक संस्थान तो बंद हैं लेकिन उनके दफ्तर 50 फीसदी उपस्थिति के साथ संचालित हो रहे हैं। जिसे अब पूर्ण रूप से खोलने की योजना बना रहे है |

मीडिया रिपोर्ट की माने तो बिहार सरकार का शिक्षा विभाग बच्चों के लर्निंग लॉस को देखते हुए प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक के विद्यालयों को अब पूरी तरह खोल देने के पक्ष में है। यदि 7 फरवरी से विद्यालय संचालित होते हैं तो 30 दिनों बाद तथा नए साल में पहली बार स्कूली बच्चे बस्ता लेकर विद्यालयों में जायेंगे। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो इसको लेकर शिक्षा विभाग ने सरकार को अपने मंतव्य से अवगत भी कराया दिया है।

जानकारी के लिए बता दे की 7 फरवरी से स्कूल खोले जाने की तैयारी को लेकर पूछे जाने पर बिहार के वर्तमान शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि शिक्षा विभाग की मंशा है कि शिक्षण संस्थान खुलें। लेकिन बच्चों के स्वास्थ्य को जोखिम में डालकर हम स्कूल चलाना नहीं चाहते। महामारी काफी कम हुआ है। आपदा प्रबंधन समूह स्कूल खोलने पर बच्चों के जोखिम का आकलन कर अंतिम फैसला करेगा। लगातार स्कूल बंद रहने से बच्चों को पढ़ाई का भारी नुकसान हुआ है। इसलिए हम चाहते हैं कि पढ़ाई की अनियमितता समाप्त हो।

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