बिहार में अभी लगभग सभी जिलो में खेती करने के लिए खाद की बहुत जरूरी है | आपको बता दे की बिहार के एक जिले समस्तीपुर से खबर आ रही है की वहां खाद कहीं किसी भी दूकान में नहीं मिल रही है अगर किसी दुकान में मिल भी रही है तो बहुत अधिक कीमतों पर किसान का कहना है की बिहार सरकार इस बात पर ध्यान दे और इस पर कार्यवाही करें | और दुकानदारों की मनमानी पर रोक लगाये | वहीँ बिहार के धमदाहा अनुमंडल क्षेत्र के किसान इस समय उर्वरक की किल्लत से काफी परेशान हैं। बिहार में इस समय किसानों को प्रमुख फसल मक्का, आलू एवं गेंहू बोने के लिए डीएपी एवं पोटाश की आवश्यकता है। परन्तु अनुमंडल क्षेत्र के सभी चारों प्रखंडों में इस समय डीएपी, पोटाश एवं एनपीके नहीं के बराबर मिल रहे हैं। प्रखंडों के बिस्कोमान में इस समय उर्वरक उपलब्ध नहीं होने से किसान परेशान हैं।

बताया जा रहा है की इसका फायदा बाजार के दुकानदार जमकर उठा रहे हैं। दुकानदार चोरी छुपे अपने गोदामों में डीएपी, पोटाश एवं एनपीके का स्टॉक कर रखा है। किसानों से मनमाने कीमत वसूल करने के बाद ही उर्वरक दिया जा रहा है। अनुमंडल क्षेत्र के दर्जनों किसानों ने बताया कि भवानीपुर बाजार के कुछ दुकानदारों के द्वारा उसे साढ़े चौदह सौ से लेकर पंद्रह सौ में डीएपी दिया है।

किसानों ने बताया कि इस समय उनलोगों को खेतों में फसल लगाने की मजबूरी है इसलिए वह सभी मनमाने कीमत पर भी खाद लेने को मजबूर हैं। दूसरी तरफ, दुकानदारों का कहना है कि गुलाबबाग के बड़े खाद स्टॉकिस्टों के द्वारा उनलोगों को 1400 में डीएपी दिया है। जिस वजह से उनलोगों के साथ भी साढ़े चौदह सौ में डीएपी बेचने की मजबूरी है। दुकानदारों ने बताया कि अगर उनलोगों को निर्धारित कीमत पर डीएपी मिल जायेगा तो वह सभी भी निर्धारित कीमत पर इसे बेचेंगे।

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