बिहार नाम तो सुना ही होगा बाकी जगहों की तरह यहाँ भी सभी बच्चो के खाते में आते है सरकार के तरफ से रुपये किताब खरीदने ड्रेस खरीदने इत्यादि के लिए आते है | ये बात दिनांक 15 सितम्बर बुधबार की है दो बच्चे जब गए | अपने खता को चेक करने के लिए की मेरा पैसा आया की नहीं जब बैंक कर्मचारी ने इसकी खता को चेक किया और इसे रकम बताया तो इसका होश उड़ गया | और इसने बोला इतना पैसा तो मेरे अकाउंट में नहीं था कैसे आया | धीरे-धीरे ये बात सरे लोग को पता चल गया देखते ही देखते वहां पे भीड़ इकठ्ठा हो गयी और हर लोग की छह एक ही थी की इस छठी क्लास के बच्चे के खाते में इतना पैसा आया कहा से उनके परिवार वाले खुद हैरान थे इस बात को लेकर की इतना पैसा आया कहा से आईये जानते है इस बात को पूरी डिटेल से….

ये मामला बिहार के कटिहार जिले की बघौरा के पस्तिया गाव का है | यहाँ माध्यमिक विद्यालय का छात्र नाम असित कुमार जो की कक्षा ६ का छात्र है | इनका खता उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में इनका बचत खता है | मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार के दिन 25 सितम्बर के दिन बच्चे अपने खाते का राशी चेक करबाने अपने बैंक गए थे | तो वह जाने के बाद इसको पता चला की इनके नाचत खता में करोरो रुपये है |

मामले की जानकारी बैंक के अधिकारियों को हुई तो हड़कंप मच गया. आनन-फानन में जांच कराई गई, तब जाकर असलियत का पता चला. शाखा प्रबंधक मनोज गुप्ता ने बताया कि जानकारी मिलते ही बच्चों के खाते से भुगतान पर रोक लगा दी गई थी. सीनियर अधिकारियों को जानकारी देकर तहकीकात कराई गई. बैंक के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर सनत कुमार ने बताया कि दोनों बच्चों के खातों के स्टेटमेंट निकलवाए गए. पता चला कि असित कुमार के खाते में 100 रुपया बैंलेस है. गुरुचरण के खाते में 128 रुपये थे. हमारी भेलागंज ब्रांच में किसी के खाते में 960 करोड़ रुपये नहीं आए. सीएसपी सेंटर पर इतनी बड़ी रकम दिख रही थी तो कुछ तकनीकी दिक्कत रही होगी. बैंक से ऐसा कुछ नहीं हुआ |

आईये जानते है बैंक एक्सपर्ट की राय

बैंक के एक्सपर्ट क कहना है की अगर आपके खाते में अचानक मोती या फिर कितनी भी छोटो से छोटी रकम आ जाये तो आपको उस वक़्त ये बिलकुल भी नहीं सोचना है की हम इस पैसे को निकासी कर खर्च कर देंगे तो किसी को पता भी नहीं लगेगा ऐसा विचार मन में कभी भी नहीं लाना है और तुरंत इसकी जानकारी बैंक कर्मचारी को देना है | अगर आप ऐसा नहीं करते है तो ये बात आज न तो कल बैंक को पता चल ही जाएगा और आप जयेदे दिन तक नहीं बाख पाएंगे इसके बाद फिर बैंक अपनी रिकोवेरी का प्रोसेस स्टार्ट करेगी |

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 5 years.