सोमवार 30 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। इसी दिन जयंती व्रत और कृष्ण पूजन भी किया जाएगा। जो श्रीकृष्ण भक्त 24 घंटे का व्रत रखते हैं, वे 31 अगस्त की सुबह 5.45 बजे के बाद पारण करेंगे। उधर जन्माष्टमी को लेकर पटना के मठ-मंदिरों में तैयारी शुरू हो गई है। मीठापुर स्थित गौरया मठ, राजापुर पुल स्थित राधाकृष्ण प्रणामी मंदिर, खेतान मार्केट के पास बिरला मंदिर समेत तमाम मठ-मंदिरों में तैयारी शुरू है। लेकिन, बुद्धमार्ग स्थित इस्कॉन मंदिर में इस बार भी आम भक्तों का प्रवेश नहीं होगा। मंदिर के व्यवस्थापकों की ओर से पूजा व अभिषेक की तैयारी है।

भारतीय सनातन धर्म परंपरा में जन्माष्टमी व्रत का विशिष्ट महत्व है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से भगवान बिष्णु अतिशय प्रसन्न होते हैं। ज्योतिर्वेद विज्ञान केंद्र के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. राजनाथ झा ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र एवं अष्टमी तिथि के संयोग से मध्य रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म माना गया है। कई वर्षों बाद इस बार मध्य रात्रि में अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसलिए सभी धर्मावलंबियों को भगवान श्रीकृष्ण के निमित नियम-संयम, श्रद्धा-भक्ति व उल्लासपूर्वक श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाना चाहिए। शास्त्रों में बताया गया है कि जन्माष्टमी का व्रत रखने से तीन जन्मों के पापों का नाश होता है।

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