ऐतिहासिक व पौराणिक नगर कालपी में कई ऐसे स्थान है जिनके बारे में जानकार लोग आश्चर्य चकित रह जाते हैं इन स्थानों पर अलग अलग किवदंतियां प्रचलित है जो बेहद रोमांचकारी व दिलचस्प हैं, जिन्हें सुनते ही उनके विषय में जानने की जिज्ञासा और प्रबल हो जाती है नगर का ऐसा ही एक स्थान है लंका मीनार जहां पर भाई बहन आदि रिश्तों के लोग साथ चढऩे पर पति पत्नी हो जाते है ।
शादी के सात फेरों से जोड़कर देखा जाता इसे : नगर की लंका मीनार एक ऐसा स्थान है जहां पर भाई बहन मामा भांजी चाचा भतीजी आदि साथ में मीनार पर नहीं चढ़ सकते हैं। क्योंकि इसमें चढऩे के लिए सात गोल चक्कर हैं जिन्हेंं शादी के सात फेरों से जोड़कर देखा जाता है। कहा जाता है यदि उक्त रिश्ते वाले लोग यदि बिना ध्यान दिये लंका में चढ़ जाते हैं तो उन्हेंं पति पत्नी माना जाता है। इसकी जानकारी पहले लंका मीनार के बाहर भी लिखी थी।
25 वर्षों में मीनार का हुआ था पूरा निर्माण : नगर के मोहल्ला रावगंज स्थित लंका मीनार का निर्माण बाबू मथुरा प्रसाद निगम लंकेश ने सन 1875 में इसका निर्माण कराया था। 25 वर्षों में लंका मीनार का निर्माण पूरा हुआ था। लंकेश के वंशज विवेक कुमार निगम बताते है कि लंका मीनार में ऊपर चढऩे के लिये सात गोल फेरों से होकर जाना पड़ता है इसलिये यहां पर भाई बहन चाचा भतीजी मामा भांजी आदि रिश्तों को ध्यान में रख कर लोग लंका मीनार पर चढ़ते हैं लंका मीनार के सात फेरों को शादी के सात फेरों से जोड़ कर देखा जाता है। यदि उक्त रिश्ते के लोग साथ मे लंका मे चढ़ते हैं तो उन्हेंं पति पत्नी मान लिया जाता है । हालांकि यह बात कहीं इतिहास में दर्ज नही है। यह केवल किवदंती मात्र है।