योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की पतंजलि (Patanjali) की सब्सिडियरी कंपनी असम, त्रिपुरा और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में आयल-पाम के बागान शुरू करने की योजना बनाई है. खाद्य तेल प्रोसेसिंग कंपनी रुचि सोया का पतंजलि समूह ने दो साल पहले कर लिया था. उस समय कंपनी घाटे में आ गयी थी.पतंजलि (Patanjali) समूह ने पहले ही पाम के बागानों के लिए क्षेत्र सर्वेक्षण किया है. ये बागान किसानों के साथ कॉन्ट्रैक्ट के माध्यम से स्थापित किए जाएंगे. इन राज्यों में  रुचि सोया अपनी प्रोसेसिंग यूनिट लगाएगी और पाम की खरीद की गारंटी लेगी.

आपको बता दें कि देश में फिलहाल असम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, अंडमान, गुजरात, गोवा, आंध्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में आयल पाम के कुछ बागान हैं. हालांकि बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने यह नहीं बताया कि बागानों को लगाने की शुरुआत कब की जाएगी.

क्या होता है पाम ऑयल, कहां होता है इसका इस्तेमाल

पाम ऑयल वनस्पति तेल है. दुनिया में इसका व्यापक पैमाने पर इस्तेमाल होता है. होटल, रेस्तरां में भी पाम तेल का इस्तेमाल खाद्य तेल की तरह होता है. इसके अलावा कई उद्योगों में इसका इस्तेमाल होता है.

नहाने वाला साबुन बनाने में भी पाम तेल का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है.पाम तेल ताड़ के पेड़ के बीजों से निकाला जाता है. इसमें कोई महक नहीं होती.

जिसकी वजह से हर तरह का खाना बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है. यह बहुत ऊंचे तापमान पर पिघलता है. इसमें सैचुरेटेड फैट बहुत अधिक होता है.

यही वजह है कि इससे मुंह में पिघल जाने वाली क्रीम और टॉफी-चॉकलेट बनाये जाते हैं. फिलहाल दुनियाभर में 8 करोड़ टन के आसपास पाम ऑयल पैदा होता है.

पाम तेल उत्पादन में इंडोनीशिया दुनिया में नंबर एक पर है. दूसरे नंबर पर है मलेशिया है. कुछ अफ्रीकी देशों में भी इसका उत्पादन होता है.

खाने वाले तेलों के मामले में भारत के आयात का दो तिहाई हिस्सा केवल पाम ऑयल का है. भारत सालाना करीब 90 लाख टन पाम ऑयल का आयात करता है.भारत में इंडोनीशिया और मलेशिया दोनों ही देशों से पाम ऑयल का आयात किया जाता है.

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