हम जिस समाज से आते हैं वहां ये कल्पना भी नहीं की जा सकती कि हमें इतनी बड़ी अपॉर्च्युनिटी मिलेगी। ये सफलता हमारे लिए किसी सपने के सच होने जैसा है। ये कहते-कहते 19 साल के अनोज कुमार भावुक हो जाते हैं। उनके साथ-साथ उनके हमउम्र दोस्त गौतम कुमार को भी इस स्कॉलरशिप के लिए चुना गया है। दोनों महादलित जाति से आते हैं। इन दोनों छात्रों को 42 लाख की स्कॉलरशिप मिली है।

कॉलेज की पढ़ाई करने वाले गांव के पहले लड़के अनोज : दानापुर के जमसौत गांव के अनोज के पिता मजदूर हैं। अनोज की सफलता से उनके घरवाले काफी खुश हैं। उन्हें लग रहा है कि अब उनके दुख के दिन बदल जाएंगे। अनोज मैथमेटिक्स ऑनर्स करना चाहते हैं। वो गांव के पहले लड़के हैं जो कॉलेज की पढ़ाई के लिए बाहर जाएंगे।

मसौढ़ी के रहने वाले गौतम के पिता टोलासेवक हैं। वो कंप्यूटर साइंस एंड इंटरप्रेन्योरशिप की पढ़ाई करना चाहते हैं। पुराने दिनों को याद करते हुए वो कहते हैं कि कभी हमारे पास कॉलेज की फीस देने के पैसे भी नहीं थे। हमने कभी बड़ा सपना देखने की हिम्मत भी नहीं की लेकिन इस सफलता ने हमारी दुनिया ही बदल दी। गौतम और अनोज कहते हैं कि जिस तरह वो गरीबी से ऊपर उठे हैं। उसी तरह उनकी कोशिश रहेगी कि वो अपने जैसे लोगों की मदद कर सकें। दोनों चाहते हैं कि वो कुछ ऐसा करें जिससे राज्य के साथ-साथ देश और दुनिया का भी नाम राेशन हो।

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