उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती समेत अन्य नदियां अभी भी कई जगहों पर खतरे के निशान से उपर बह रहीं है। इससे नये इलाके में बाढ़ के पानी का फैलाव हो रहा है। पूर्वी चम्पारण के सुगौली में शहर के साथ-साथ रेलवे क्वार्टर में भी सिकरहना (बूढ़ी गंडक) का पानी प्रवेश कर गया है। बेतिया के लौरिया-चनपटिया में सिकरहना का फैल रहा है।

सुगौली में रेलवे क्वार्टर व पीएचसी में घुसा बाढ़ का पानी

जिले में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। करीब एक दर्जन प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हैं। सुगौली में तीसरी बार रेलवे क्वार्टर व पीएचसी में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। जलस्तर में वृद्धि जारी है। बाढ़ का कहर थम नहीं रहा है। जिले में छह लाख से अधिक आबादी बाढ़ का कहर झेल रही है। अरेराज, केसरिया प्रखंड में तीसरी बार बाढ़ ने दस्तक दी है। बंजारिया में नदी का जलस्तर कम हो रहा है। मोतिहारी सदर प्रखंड के कई गांव अब भी बाढ़ से त्रस्त हैं। मोतिहारी नगर निगम के दस वार्ड बाढ़ से प्रभावित हैं। गंडक व बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में उतार चढाव जारी है। डुमरिया घाट में गंडक नदी लाल निशान से 1.37  मीटर ऊपर बह रही है। लाल बेगिया सिकरहना में 84 सेमी व अहिरौलिया में बूढ़ी गंडक नदी 32 सेमी लाल निशान से ऊपर बह रही है।

शिवहर से सीतामढ़ी व मोतिहारी रोड पर आवागमन ठप

बागमती का उफान थमने से शिवहर जिले में बाढ़ की स्थिति सामान्य होने लगी है। जिले में बाढ़ से पांच प्रखंडों के 24 गांव प्रभावित हुए हैं। सबसे अधिक पिपराही प्रखंड के 13 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। इसके अलावा पुरनहिया प्रखंड के दो, शिवहर प्रखंड के एक, डुमरी कटसरी प्रखंड के तीन तथा तरियानी प्रखंड के 2 गांव बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ के कारण आवागमन की दयनीय स्थिति बनी हुई है। शिवहर-सीतामढ़ी और शिवहर मोतिहारी भाया बेलबा पथ पर आवागमन पंद्रह दिनों से बाधित है। इधर शिवहर-मुजफ्फरपुर पथ पर भी आने-जाने में परेशानी हो रही है।

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