सड़क पर सड़ा चावल सुखाने की यह तस्वीर कटनी जिले के लमतरा इंडस्ट्रियल एरिया में शनिवार दोपहर की है। राशन दुकान में जानवरों के खाने योग्य चावल सप्लाई मामले में प्रदेशभर में हड़कंप के बाद अब चावल घोटाले को दबाने का खेल कुछ इस तरह से चल रहा है। कटनी में जिस सड़क पर सड़ा चावल सुखाया जा रहा है, उसके आसपास एक दर्जन से ज्यादा वेयर हाउस और राइस मिल हैं। आसपास के लोगों ने यह तो नहीं बताया कि धूप में सूख रहा सड़ा चावल किसका है, लेकिन बातों ही बातों में यह जरूर कह गए कि चावल को सुखाकर पॉलिस के बाद फिर से राशन दुकानों को सप्लाई किया जाता है।

सुलगते सवाल, मिलर्स की पीठ पर किसका हाथ?

घटिया चावल सप्लाई करने वाले 7 मिलर्स का 11 हजार 890 क्विंटल चावल अगस्त माह में नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के अधिकारियों ने रिजेक्ट किया है। इस खराब चावल सप्लाई पर मिलर्स की जवाबदेही तय नहीं की गई।

अगस्त माह के चावल मिलर्स के इशारे पर ही नान के अफसरों ने रिजेक्ट किया, जिससे केंद्र की टीम की सैंपलिंग में खराब चावल को शामिल करने से बचाया जा सके। कटनी में 54 राइस मिलर्स से नान का अनुबंध है जो सरकारी धान की मिलिंग कर चावल सप्लाई करते हैं। यहां से प्रदेश भर में राशन दुकानों के चावल सप्लाई होती है।

सरकारी धान की मिलिंग कर राशन दुकान के लिए चावल जमा करने की प्रक्रिया कस्टम मिलिंग रेसियो (सीएमआर) में एक क्विंटल धान लेकर मिलर्स द्वारा 67 किलो शुद्ध चावल नहीं के बाद भी नान के क्वॉलिटी इंस्पेक्टर से लेकर उपर के अधिकारी मौके पर ठोस कार्रवाई नहीं करते। शनिवार को सड़क पर सूख रहे सड़े चावल को लेकर भी अफसर अंजान रहे।

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