चिराग पासवान का पटना यात्रा काफी मायने में उनके लिए सफल रहा। एयरपोर्ट पर उतरने के कार्यकर्ताओं की भीड़ देखकर चिराग के चेहर पर कांफिडेंट साफ झलक रहा था। बहन के घर अचानक पहुंचकर चिराग ने यह संदेश भी दे दिया कि उनकी रणनीति पासवान परिवार को एक साथ लेकर चलने वाली है। स्थानीय लोगों की माने तो सौतेली बहन आशा को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उनका भाई चिराग उनसे मिलने आ रहे हैं। इतना ही नहीं चिराग ने पांव छूकर दीदी से आर्शीवाद लिया। फूल बरसाकर दीदी ने भी छोटे भाई का भव्य स्वागत किया।
अपनी स्थिति को मजबूत करने के प्रयास में चिराग ने अपने पिता के विस्तारित परिवार के अलग-अलग सदस्यों के साथ रिश्तों को सुधारने की कोशिश करते दिखे। उन्होंने अपनी सौतेली बहन आशा पासवान के आवास का दौरा किया और दोनों गले मिले और अपने पिता को याद करते हुए रोने लगे। आशा, जिनके पति अनिल साधु, लालू प्रसाद की राजद के एक प्रमुख नेता हैं, ने भी अपने सौतेले भाई के साथ कुछ कदम मार्च किया।
हाजीपुर पहुंचने पर चिराग ने कहा कि मेरे परिवार के अपने लोगों ने मेरी मां की पीठ में खंजर भोंका है। लोगों से कहा-आपका साथ मिलेगा तो निश्चित ही नया बिहार बनाऊंगा आपका आशीर्वाद मेरे सिर से कभी मत जाने दीजिएगा। चिराग ने सोमवार को हाजीपुर के सुल्तानपुर से आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत की। इससे पहले चिराग को पटना में लोजपा दफ्तर के सामने से जाने की अनुमति नहीं मिली।