आज की कहानी झुंझुनू जिले की रहने वाली प्रिया शर्मा की। कहानी इसलिए खास है क्योंकि प्रिया शर्मा ने अपने हौसलों से आसमान की उड़ान भर ली। साथ ही इस समय भारतीय वायु सेना की फाइटर पायलट बन, वायुसेना में कार्यरत हैं।

प्रिया शर्मा का जन्म झुंझुनू जिले के पिलानी थाना इलाके के गांव घुमनसर कला में हुआ था। उनके पिता मनोज कुमार भी एयरफोर्स में स्क्वार्डन लीडर है। उनके भाई जोधपुर एम्स में एमबीबीएस की पढ़ाई कर,वही काम कर रहे हैं।

प्रिया शर्मा बचपन से ही पायलट बनना चाहती थी, वे कहती हैं कि ट्रेनिंग में उन्हें थोड़ी मुश्किल हुई लेकिन उड़ान भरना शानदार रहा है। वह बताती हैं कि कोई भी काम महिला या पुरुष का नहीं होता बस और हौसलों में दम होना चाहिए। आप जो करना चाहते हैं उसके लिए मेहनत करनी चाहिए। प्रिया शर्मा ने हैदराबाद में 2 साल का परीक्षण किया और इस समय भारत की महिला पायलट बन इंडियन एयरफोर्स में कार्यरत है।

वह राजस्थान की तीसरी महिला पायलट है, और साथ ही देश की 7वी महिला पायलट हैं। उन्होंने जयपुर के एमएनआईटी से बीटेक की पढ़ाई की है,बीटेक करने के बाद ही उन्होंने एयरपोर्ट के लिए आवेदन कर दिया और बन गई देश की सातवीं और राजस्थान की तीसरी महिला पायलट। आज प्रिया शर्मा दुश्मनों के दांत खट्टे करती हैं,

ईट का जवाब पत्थर से देने का दम रखती हैं। प्रिया शर्मा की कहानी प्रेरित करती है, साथ ही बताती हैं कि महिलाएं हो या पुरुष तिरंगा झंडा ऊंचा करने के लिए आत्मविश्वास मेहनत लगन की जरूरत है।

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