गुजरात के जामनगर शहर में स्थित आयुष नवजात शिशु केयर सेंटर को एक बड़ी सफलता मिली है। यहां एक महिला ने 25 हफ्ते के अविकसित गर्भ से एक बच्ची को जन्म दिया। बच्ची का वजन सिर्फ 575 ग्राम था। बच्ची को 79 दिनों तक वेंटिलेटर और 125 दिनों तक ICU में रही। केस क्रिटिकल होने के बावजूद भी डॉक्टर्स ने हिम्मत नहीं हारी और लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार बच्ची को नया जीवन देने में कामयाबी पाई।

हर तरह की समस्या से जूझी डॉक्टर्स की टीम
बच्ची के फेफड़े में तकलीफ थी, कुछ आंतों में सूजन, मस्तिष्क में संक्रमण और ब्लड में मौजूद रहने वाले पोषक तत्वों की कमी थी। डॉक्टर्स तो एक साथ इन दिक्कतों से जूझना था। सबसे ज्यादा जरूरी था लिवर का विकास। हालांकि, डॉक्टर्स ने इस चुनौती से निपटने के लिए अपना मनोबल बनाए रखा और धीरे-धीरे बच्ची को सारी मुश्किलों से निकाल दिया। इस बारे में डॉक्टर्स का कहना है कि गुजरात के इतिहास में यह शायद पहला ही मौका होगा, जब कोई नवजात वेंटिलेटर पर 79 दिनों तक रहा। आमतौर पर मरीज 15 से 20 दिनों तक ही वेंटिलेटर पर रहते हैं।

अब बच्ची का वजन 2200 ग्राम हुआ
महिला के माता-पिता ने बताया कि आयुष न्यूबोर्न केयर सेंटर ने सचमुच चमत्कार कर दिखाया है। इस अस्पताल ने साबित कर दिखाया है कि सही देखभाल से प्री-मेच्योर बच्चों को भी नया जीवन दिया जा सकता है। यहां के डॉक्टरों ने न खुद हिम्मत हारी और न हमें हारने दी। हर दिन मुश्किल से निकला, लेकिन विश्वास और धैर्य की जीत हुई। आज हमारी बच्ची का वजह 2200 ग्राम हो चुका है। डॉक्टर्स का कहना है कि अब उसे किसी तरह की कोई तकलीफ नहीं है।

साभार – dainik bhaskar

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